आज से एक और बड़ा बदलाव हो गया है। राहुल गांधी के सबसे पसंदीदा बिलों
में एक जमीन अधिग्रहण बिल आज से लागू कर दिया गया है। ग्रामीण विकास मंत्री
जयराम रमेश ने नए जमीन अधिग्रहण कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
जयराम रमेश का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के नए नियम पर अब लोगों से राय
लेंगे। जमीन अधिग्रहण कानून को 15-16 फरवरी तक औपचारिक रूप से नोटिफाई
करेंगे। वहीं आज से 1894 का जमीन अधिग्रहण कानून रद्द माना जाएगा। वहीं
नियम बनाए बिना भी नया जमीन अधिग्रहण कानून लागू हो सकता है।
नए जमीन अधिग्रहण बिल में गांवों में हर्जाना जमीन की कीमत का 4 गुना
देने का प्रावधान है। वहीं शहरी इलाकों में हर्जाना जमीन की कीमत का 2 गुना
देना होगा। साथ ही निजी कंपिनयों के लिए 80 फीसदी जमीन मालिकों की मंजूरी
जरूरी होगी। पीपीपी प्रोजेक्ट के लिए 70 फीसदी जमीन मालिकों की मंजूरी
जरूरी होगी।
नए जमीन अधिग्रहण बिल के तहत सरकारी प्रोजेक्ट के लिए किसी की मंजूरी की
जरूरत नहीं होने का प्रावधान है। साथ ही पूरी पेमेंट होने तक जमीन मालिक
को नहीं हटाया जाएगा। मुआवजे के हकदार जमीन पर आश्रित लोग भी होंगे। निजी
कंपनियों को भी पुनर्वास पर जोर देना होगा। अधिग्रहण पूरा नहीं होने पर
मुआवजा नए कानून के हिसाब से होगा। 5 साल में परियोजना शुरू नहीं हुई तो
अधिग्रहण निरस्त माना जाएगा।
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